________________ पसत्थी सिरिनेमिसूरिरायं, पगुरुं पणमामि घोरबंभवयं / पोढप्पयावकलियं, तवगच्छनहंगणनहमणिं / / 1 / / पारिति गंथरयणे, जस्स पसाएण मारिसा मंदा / समयण्णुं तं च गुरुं, नमिमो सिरिसूरिवित्राणं (2026) / / 2 / / सीसेण तस्स रइया, एयाउ कहाउ भवियबोहढें / कत्थूरायरिएणं, वरिसे रसहत्थनहनयणे / / 3 / / साबरमईपुरीए, चिंतामणिपासनाहसंणिज्झे / पाइयवित्राणकहा-बीयविभागो कओ पुण्णो / / 4 / / पंचपरमेटिगयगुण-गणसंभरणं सिया सया हियए / इअ हेउं लक्खित्ता, कया कहा अट्ठसहियसया / / 5 / / जाव समुद्दो लवणो, नक्खत्तविरहिरो सुमेरू य / गयणम्मि य रविससिणो, ताव जएजा कहा एसा / / 6 / / इअ सिरितवागच्छाहिवइ-सिरिकयंबप्पमुहाणेगतित्थोद्धारगसासणप्पहावग आबालबंभयारि-सूरीसरसेहर-आयरियविजयनेमिसूरीसर-पट्टालंकारसमयण्णु-वच्छल्लवारिहिआयरियविजयविनाणसूरीसर-पट्टधरसिद्धंत महोदहि-पाइयभासाविसारयायरियविजय कत्थूरसूरिविरइयाए पाइयविनाण कहाए बिइय-भागो समत्तो /