________________ सहकासा-२ (अकारादिक्रमण) शब्द शब्दार्थ कथा | पृष्ठ पंक्ति शब्द शब्दार्थ समुइओ समुथिन, योग्य 59 13 14 सावहाणो सावधान समुप्पण्णट्टज्झाणो मातध्यान उत्पन्न येतो - 57 65 सासयसुहकंखिरा शाश्वत सुमने ६५७ना२। समोसढो સમવસર્યા 68 48 14 सिंढे धु सयं પોતાને 135 7 सिक्खगं નવદીક્ષિતને सयंवरमंडवं . स्वयंवरभंड५. 59 15 1 सिच्छायारिणीए / શિષ્ટાચારી सयणा સ્વજનો 84 84 8 सिट्ठायारं શિષ્ટાચાર सयासं સન્મુખ 58 10 12 | सिणाणं . स्नान सरस्सइसरिसा सरस्वती समान 68 43 1 | सिणाणं સ્નાન सरिऊण સ્મરણ કરીને 108 172 5 | सिणाणपाणभोयणाई स्नान-मान-4 माह सरित्ता સ્મરણ કરતો 89 96 8 | सिद्धिवसहिं सिद्धिपहने सरियमेत्तो સ્મરણ માત્રથી 104 137 3 सिरंसि મસ્તક ઉપર सलहिज्जइ વખાણાય નહિ 106 149 3 सिरिकंतो श्री.siत. सवणे કાનમાં . 68 41 1 | सिरिजुगाइजिण- श्रीयुनि सवव्व શબની જેમ 108 173 18 | सिरिसिद्धायल- श्री सिद्धायला सवायपहरो સવા પહોર 108 156 5 | सिलं विउवित्था शी विवा सव्वपयारा સર્વ પ્રકારની 86 90 10 | सिलाहित्था प्रशंसा 42 ससत्तीए . પોતાની શકિતથી 108 155 2 |सीयंति भी थाय छ ससरूवं સ્વસ્વરૂપને 76 66 17 | सीयायवाइपीलं ॥२भी. पी.31 सहणया સહનશીલતા 78 70 9 सीयालो શીયાળો सहलं સફળ 81 786 માથું તપે છે सहेज्जं સહાય 62 26 18 | सुइरपलाविणो भ१४२री पूर्व पोवता सागय સ્વાગત 79 70 25 | सुक्कज्झाणानल- शुसा ध्याननो मनि साणुव्व કૂતરાની જેમ 62 23 7 | सुक्कपक्खम्मि शुट पक्षन। सामिसुस्सूसणपरो स्वामिनी शुश्रुषामा तत्५२. 56 4 6 सुगी મેના 225 कथा पृष्ठ पंक्ति 79 73 9 84 85 6 105 142 22 107 151 26 73 59 3 108 159 1 61 21 3 62 25 27 59 13 5 58 7 15 108 153 15 84 84 4 86 90 11 88 92 15 84 84 97 116 93 103 98 119 81 75 89 95 6 107 151 12 66 35 12 83 81 3 87 92 2