________________ // प्रत्येक नारकीयं कृतादिनरकायासाओंका यंत्र || प्रथम रत्नप्रभा नरक। [यंत्रक्रमांक 82] | 1 प्रतर में - 2 प्रतर में | 3 प्रतर में | 4 प्रतरमें. 5 प्रतर में, | 6 प्रतर में 7 प्रतरमें 43-48 48-47 / 47-46 46-45 45-44 44-43 गो. त्रि. यो. गो. त्रि.चौ.गो. त्रि.चौ. गो. त्रि० चौ. जो. नि. चौ. गो. त्रि. चौ० दि.१६-१७-१६ 16-16-16 | 15-16-16 / 65-16-15 / | 15-15-15 | 14-15-25 वि०१६-१६-१६ / 95-16-15 25-15-15 94-95-15 14-15-14 43.42 गो. त्रि. चौ. 14-15-14 14-14-14 +32-33-32 44 4 4 4 4 4 30-32-39 |44 4 4 30-31-30 x4 4 4 25-30-30 | 44 4 4 28-30-23 x4 4 4 28-23-28 44 4 4 1. 123-133-1281125-128-128929.928-124|121-124-120197-120-120/113-120-116 सह- कुन 389 | = फुल 389 | = कुल 313 | = पुल 365] =कुल 357] = कुल 349 | 113-196-112 - कुल 341 * नरकगति विषयक द्वितीय भवनद्वार . 8 प्रवरमें 3 प्रतर में | 11 प्रतरमें | 12 प्रवरमें | 13 प्रतरम पहली नारफीयो 42-41 | 41-40 / 40.39 33-38 गो. त्रि.चौ. गो. त्रि.चौ. गो. नि. चौ० | गो. त्रि.चौ. गो. नि. चौ० | गो. त्रि. चौ० दि.१४-१४-१४ 13-14-14 | 13-14-13 13-13-13 12-13-13 12-13-12 वि०१३-१४-१४ 13-14-13 / 13-13-13 12-13-13 | 12-13-12 12-12-12 नेरडा प्रतरपुर गोळ.चिौ . 1453-1508-1472 तीनों मिलकर पुन 4433 +27-28-28 | 26-28-27 | 26-27-26 4 4 4 4 | 4 4 4 | 44 4 4 25-26-26 24-26-25 44 4 4 24-25-24 44 4 4 0 109.192-112/105-112-108105-608-104|106-904-104/ 90-104-100/97-100-16 सह % फुल३३३ / कूल 325 | पृल३१७ | =कुल 309 | कुल३०१ = कुन२३३ शेष पुष्पावकीण 2635567 %3 कुल 30 लाख. .39. -