________________ SESIZS292S2SZSZSZSUZSUZS2S2.SZSZSZNO श्री शQजय गिरिवराय नमः। बृहत् संग्रहणी हिन्दी भाषांतरका उत्तरार्ध विभाग - सूचनापूर्वार्धके पहले विभागमें भवनपति, व्यन्तर, ज्योतिष, वैमानिक आदि देवगति विषयक तथा सूर्य, चन्द्र, ज्योतिषचक्र आदि अनेक विषयोंकी जानकारी आ गई है / और उत्तरार्धमें शेष तीन गति-नरक, मनुष्य और तिर्यञ्च गति आदि अनेक विषयोंकी आनकारी दी हैं / Dramasasasasarakasasasasasasaras