________________ 268 ] बृहत्संग्रहणीरत्न हिन्दी [ गाथा-९१. 336 नक्षत्र और 803700 कोडाकोडी [ 803700000000000000000 ] तारोंका परिवार आता है। तथा २६२कालोदधिमें 42 चन्द्र होनेसे 3696 ग्रह, 1176 नक्षत्र और 2812950 कोडाकोडी [ 2812950000000000000000 ] तारोंका परिवार है / और पुष्करार्धवर २Fउद्वीपमें 72 चन्द्र होनेसे उसका 6336 ग्रह परिवार, 2016 259. दो चंदा दो सूरा णक्खत्ता खलु हवंति छप्पन्ना / बावत्तरं गइसतं जम्बूद्दीवे विचारीणं // 1 // एगं च सय सहस्सं तित्तिसं खलु भवे सहस्साई / णव य सता पण्णासा तारागणकोडिकोडीणं // 2 // 260. चत्तारि चेव चंदा चत्तारि य सूरिया लवणतोये / बारस णक्खत्तसयं गहाण तिणणेव बावण्णा // 1 // दोच्चेव सतसहस्सा सत्तटुिं खलु भवे सहस्साई / णव य सता लवण जले तारागगकोडिकोडीणं // 2 // 261. चउवीस ससि रविणो णक्खत्तसता य तिणि छत्तीसा / एगं च गहसहस्सं छप्पणं धायईसंडे // 1 // अटठेव सतसहस्सा तिण्णिसहस्साई सत्तय सत्ताई। धायसंडे दीवे तारागणकोडिकोडीणं // 2 // 262. बायालीसं चंदा बायालीसं च दिणकरा दित्ता / कालोदधिमि एते चरंति संबद्ध लेसागा // 1 // णक्खत्ताणं सहस्सं एगमेव छावत्तरं च सतमण्णं / छच्च सया छण्णवइ महगहा तिणि य सहस्सा // 2 // अट्ठावीसं कालोदधिमि बारस य सहस्साई / णव य सया पण्णासा तारागणकोडिकोडीणं // 3 // 263. बावत्तरिं च चंदा बावत्तरिमेव दिणकरा दित्ता / पुक्खरवरदीवड्ढे चरंति एते पभासंता // 1 // तिष्णिय सत्ता छत्तीसा छच्च सहस्सा महगहाणं तु / णखत्ताणं तु भवे सोलाई दुवे सहस्साई // 2 // अडयाल सय सहस्सा बावीसं खलु भवे सहस्साई / दो य सतपुक्खरद्धे तारागणकोडिकोडीणं // 3 // [सू० प्र० 19 प्राभृत सूठ 100 ] 261. चउवीस ससि रविणो णक्खत्तसता य तिष्णि छत्तीसा / एगं च गहसहस्सं छप्पणं धायईसंडे // 1 // अठेव सतसहस्सा तिष्णिसहस्साई सत्तय सत्ताई / धायइसंडे दीवे तारागणकोडिकोडीणं // 2 // 262. ___ बायालीसं चंदा बायालीसं च दिणकरा दित्ता / कालोदधिमि एते चरंति संबद्ध लेसागा // 1 // णवत्ताणं सहस्सं एगमेव छावत्तरं च सतमण्णं / छच्च सया छण्णवइ महग्गहा तिणि य सहस्सा // 2 // अट्ठावीसं कालोदधिमि बारस य सहस्साई / णव य सया पण्णासा तारागणकोडिकोडीणं // 3 // 263. बावत्तरिं च चंदा बावत्तरिमेव दिणकरा दित्ता / पुक्खरवरदीवड्ढे चरंति एते पभासंता // 1 // तिष्णिय सत्ता छत्तीसा छच्च सहस्सा महग्गहाणं तु / णक्खत्ताणं तु भवे सोलाई दुवे सहस्साई // 2 // अडयाल सय सहस्सा बावीसं खलु भवे सहस्साई / दो य सतपुक्खरद्धे तारागणकोडिकोडीणं // 3 // [ सू० प्र० 19 प्राभृत सूठ 100 ]