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________________ धन की प्राप्ति होगी या नहीं ? यदि होगी तो कैसे और कब होगी ? गुरु ने उनके ललाट को देखकर विचार किया कि भविष्य में इस परिवार के द्वारा कोई अच्छा काम होने वाला है ऐसा सोचकर उसे कहा कि आज ही आपके आँगन में कोई व्यापारी घोड़ी बेचने के लिए आएगा उस घोड़ी को आप खरीद लेना / इतना कहकर गुरु चले गए / थोड़ी देर के पश्चात एक व्यापारी घोड़ा-घोड़ी लेकर आया, घोड़ी स्वयं ही उनके घर में आकर खड़ी हो गई। भावड़शा ने जैसे-तैसे पैसे का प्रबन्ध करके घोड़ी युगल को खरीद लिया / ___महापुरुषों का कथन है कि कोई पुण्यवन्त मानव या पशु के पगले (चरण) अपने घर में पड़ते हैं तो सारे कुटुम्ब का भाग्य बदल जाता है और कभी किसी ऐसे निष्पुण्यक व्यक्ति के चरण पड़ने से सारा परिवार ही दुःखद स्थिति में आ जाता है / लक्षणवन्ती घोड़ी के आने से थोड़े समय बाद ही भावड़शा के भाग्य का सितारा चमकने लगा / घोड़ी ने तीन बछड़ों को जन्म दिया / भावड़शा ने उनका अच्छी तरह पालन पोषण किया / पूर्ण रूप से उनको तैयार करके तपन राजा के पास उनको तीन लाख में बेच दिया / उस द्रव्य में से उसने नई अनेक घोड़ियों को खरीद लिया / देखते ही देखते छोटे-छोटे लक्षणवन्त हजारों अश्वपुत्र भावड़शा के आँगन में खेलने लगे / उन सभी को देखकर पति-पत्नी के हर्ष की सीमा न रही / घर के बच्चों की तरह उनका पालन किया / सभी को अच्छी ट्रेनिंग देकर एक दिन भावड़शा सभी को लेकर विक्रमादित्य राजा के पास भेंट देने के लिए ले गया / राजा ने उसकी भेंट को स्वीकार करके प्रसन्न होकर मधुमति (महुवा) नगर के साथ 12 (बारह) गाँवों का उसे ठाकुर बना दिया / मधुमति का राज्य मिलने के पश्चात् भावला के घर एक सुन्दर पुत्र ने जन्म लिया जिसका नाम रखा जावड़शा | माता-पिता के वात्सल्य को ग्रहण करता हुआ जावड़शा बड़ा होने लगा / युवावस्था होने पर जयमती नाम की 84
SR No.004266
Book TitleItihas ki Dharohar evam Karm Prashnottari
Original Sutra AuthorN/A
AuthorPragunashreeji, Priyadharmashreeji
PublisherPragunashreeji Priyadharmashreeji
Publication Year2014
Total Pages254
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size6 MB
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