________________ की ट्रॅक, 7. प्रेमवसही की ट्रॅक, 8. बालावसही की ट्रॅक, 9. विमलवसही की , ट्रॅक / इन टूकों का इतिहास अनेक पुस्तकों में मिलता है / अतः यहाँ पर नहीं दिया गया है। ऐसा सम्यग्दर्शन को निर्मल करने वाला, कर्मों की निर्जरा करने वाला यह पावन तीर्थ है / इसकी यात्रा करके, ध्यान करके सभी परमपद को प्राप्त करें, यही एकमात्र अभ्यर्थना है / आए हम पालीताणा, दादा के भजन गाना, शत्रुजा नदी नहाना, दादा बड़े दिल के | रटले तू आठों याम, काट कर्म की लगाम, . मिले तुझे मोक्ष धाम, निर्मल-सा खिलके | कण-कण यहाँ सिद्ध, महिमा जग प्रसिद्ध, यात्रा करके हर्षाए, दादाजी से मिलके | 'प्रियदर्शी' आदिनाथ, जग के हैं दीनानाथ, पकड़ के हाथ साथ, पार हो मंजिल के | 64