________________ मन्दिर बना हुआ है / यात्रा करने के लिए आने वाले यात्रियों की यहाँ भीड़ लगी रहती है भोमियाजी देव पर आस्था रखने वाले भक्तों की सभी मनोकामनाएँ सहज ही पूर्ण हो जाती हैं / यह भोमियाजी देव वर्तमान काल में भी हाजरा-हजूर जागृत देव हैं, सम्मेतशिखर तीर्थ के अधिष्ठायक हैं जो भक्त श्रद्धापूर्वक इनका वन्दन, पूजन तथा मन्त्र जाप करते हैं उनके मनोवांछित कार्य तत्क्षण सिद्ध हो जाते हैं / इनका जाप मन्त्रः- ॐ माँ क्षी, क्ष क्षः क्षेत्रपालाय भोमिया देवाय नमः प्रतिदिन 108 बार शुद्धता पूर्वक जाप करने से कार्य सिद्धि होती है / जं अन्नाणी कम्मं खवेइ बह्याई वासकोडिहिं / / तं नाणी तिहिं गुत्तो खवेइ उस्सासमित्तेणं // बहुत कोटि वर्षों तक अज्ञानी जिन कर्मों को खपाता है, उन कर्मों को मनगुप्ति, वचनगुप्ति और कायगुप्ति इन तीन गुप्तियों के द्वारा गुप्त हुआ ज्ञानी एक उच्छ्वास मात्र में करके खपाता है / 58