________________ निर्माण, जिनालय जीर्णोद्धार, जिनेश्वर रथ निर्माण, तीर्थ-पट्ट निर्माण आदि की सुन्दरतम प्रेरणा संघ-समाजों को दी है। यथा* आगरा- आचार्यश्री इन्द्रदिन्नसूरीश्वरजी म. सा. की आज्ञा को शिरोधार्य करते साध्वीश्री जसवन्तश्रीजी म., साध्वीश्री प्रियदर्शनाश्रीजी म., साध्वीश्री प्रगुणाश्रीजी म. आदि ने बालूगंज, आगरा में जिनमन्दिर निर्माण की प्रेरणा दी तथा सम्पूर्ण मन्दिर तैयार करवाया। आचार्यश्रीजी के हस्त-कमलों से धूमधाम से उसकी प्रतिष्ठा हुई। * हस्तिनापुर तीर्थ की तलहटी मेरठ जैन नगर- शासन शिरोमणी आचार्यश्री इन्द्रदिन्नसूरिजी म. की आज्ञा से मेरठ जैन नगर में श्री शान्तिनाथ भगवान का मन्दिर तथा साध्वी जसवन्तश्री जैन उपाश्रय का नव निर्माण करवाया। * पंजाब के पट्टी शहर- में चातुर्मास में प्रेरणा देकर 120 वर्ष प्राचीन श्री आत्मानन्द जैन उपाश्रय का भूमितल से लेकर सम्पूर्ण जीर्णोद्धार करवाया तथा माता पद्मावतीजी का एवं गुरुदेवों का नूतन मन्दिर बनवाया। बड़ौत यू. पी.- में श्री विमलनाथ भगवान की भव्य प्रतिमा बनवाई। पावागढ़ तीर्थ- में माता पद्मावतीदेवी की प्रतिमा तथा पालीताणा कमल विहार मन्दिर में माता पद्मावतीदेवी की प्रतिमा बनवाई। जंडियाला गुरु-के जैन स्कूल में पंजाब केसरी, आचार्यश्री विजयवल्लभसूरिजी म. सा. की प्रतिमा बनवाई। श्री आदीनाथ भगवान के मन्दिर की मुख्य चौखट तथा देवी-देवता के गोखले बनवाए। * अहमदाबाद साबरमती मोटेरा संघ- में श्री आत्म-वल्लभ आयम्बिल भवन का नव निर्माण करवाया तथा आराधना भवन में श्री आत्मवल्लभ विभाग बनवाया। 10