________________ पधारने पर मैंने कही थी / आपने मुझे उस कार्य के लिए वचन भी दिया था / बस बादशाह मेरी सिद्धाचल तीर्थ का उद्धार कराने की तीव्र इच्छा है और वहाँ पर हमारी गौत्रदेवी चक्रेश्वरी माता की विशाल प्रतिमा स्थापित करने की भावना है / इस कार्य के लिए मैंने कठोर अभिग्रह धारण किए हुए हैं इसलिए आप अपना फरमान पत्र लिख कर दे दीजिए / ___ बादशाह बोला करमा शा ! तुम्हारी जो भी इच्छा हो उसे निःशंक होकर पूर्ण करो / तत्पश्चात् बादशाह ने अपने हाथों से फरमान लिख दिया और अपनी मोहर लगा कर करमा शा को देकर कहा- मित्र ! अब तुम अपनी इच्छानुसार जो भी तीर्थ के उद्धार का कार्य करना चाहो कर सकते हो, तुझे किसी भी प्रकार का कोई भी प्रतिबन्ध नहीं होगा / फरमान लेकर करमा शा का मनमयूर नाचने लगा / ('मुस्लिम बादशाह के हाथ से शत्रुञ्जय तीर्थ के उद्धार का लिखित फरमान लेना मानो फणिधर के मस्तक से मणि को ग्रहण करने जैसी कसौटी थी, परन्तु करमा शा की चतुराई और तीक्ष्ण बुद्धि से यह कार्य सफल हो गया / ') - फरमान लेकर करमा शा ने शीघ्र ही खम्भात की तरफ प्रयाण किया / 'शासन प्रभावना के कार्यों को करता हुआ करमा शा एक दिन खम्भात बन्दरगाह पर पहुँच गया / शत्रुञ्जय तीर्थ के उद्धार का फरमान लेकर आए हुए इस युवा श्रावक का खम्भात श्री संघ ने भी भव्य सामैया कराया तथा जोरदार स्वागत किया / "सकल संघ जो काम नहीं कर सके वह कठिन काम मेवाड़ के एक वाणिया श्रावक ने कर दिया / ' करमा शा ने संघ सहित स्थम्भन पार्श्वनाथ का दर्शन किया / तत्पश्चात् उपाश्रय में प्रवेश किया जहाँ पर उपाध्याय श्री विनयमण्डनविजयजी महाराज 115