________________ मुनि निरंजनविजयसंयोजित 329 भील का श्रीपति सेठ के पुत्र रूपमें उत्पन्न होना कितनेक मास बीत जाने के बाद अवन्ती नगर में रहने वाले श्रीपति नामक धनी शेठ के वहाँ शुभ दिन में एक पुत्रका जन्म हुआ। वह तुरंत का जन्मा हुआ बालक अपने पिता को बुलाकर स्पष्ट भाषा में कहने लगा कि 'हे पिताजी ! आप महाराजा विक्रमादित्य को मेरे पास शीघ्र बुलाईये / क्यों कि उन पर भविष्य में कुछ विघ्न आनेवाला है।' बालक की यह आश्चर्यकारक बात सुनकर वह श्रीपति शेठ शीघ्र ही राजा को अपने घर बुला लाया / राजासे बातचीत - - - - IN/ .... राजा के आने पर उस बालक ने राजा को स्पष्ट शब्दों में कहा कि 'आप जो कल्याणप्रद दान देते आये हैं उसे क्यों बंद करते हो? तब राजा ने उत्तर दिया कि ' मैं पूर्व में दान का फले देख Jain Education International For Personal & Private Use Only www.jainelibrary.org