________________ मुनिनिरंजनविजयसंयोजित ___तब अग्निवेताल को राजा ने भक्ति से नमस्कार किया / असुर भी सन्तुष्ट होकर अपने स्थान पर चला गया / तब राजा स्वस्थ हो कर सो गया। प्रभात में रात्रि का सारा वृत्तन्त राजा से सुनकर मन्त्री लोग अत्यन्त प्रसन्न हुए। Jain Education International For Personal & Private Use Only www.jainelibrary.org