________________ मूल ग्रन्थ 1. अमितगति श्रावकाचार - आचार्य अमितगति, मूलचन्द किसनदास कापड़िया, सूरत, द्वितीयावृत्ति, 1958 2. आदिपुराण - आचार्य जिनसेन स्वामी, सम्पादन-अनुवाद- डॉ. पन्नालाल जी, साहित्याचार्य, भारतीय ज्ञानपीठ, नई दिल्ली, तृतीय संस्करण सन् 1988, प्रथम संस्करण, सन् 1950 3.' आराधनासार - आचार्य देवसेन, संस्कृत टीका आचार्य रत्नकीर्तिदेव, सम्पादक एवं __हिन्दी टीकाकार पं. पन्नालाल जैन, प्रकाशक श्री शान्तिवीर दिग जैन संस्थान, महावीरजी (राज.) प्रथम संस्करण 1971 4. आराधना कथा प्रबन्ध - प्रभाचन्द्रकृत, भाषा-अनु. रमेशचन्द्र, आचार्य शान्तिसागर स्मृति ग्रन्थमाला, बुढ़ाना (उ.प्र.), 1990 5. आवश्यक नियुक्ति - आचार्य भद्रबाहुकृत, संपा. समणी कुसुम प्रज्ञा, जैन विश्वभारती, एवं शोध-संस्थान, जबलपुर, 2002 6. - गोम्मटसार (जीवकाण्ड) - नेमिचन्द्राचार्य, कर्णाटक वृत्ति-संस्कृत टीका, जीवतत्त्वप्रदीपिका, श्रीमद् केशवण्णविरचित, सम्पादक, डॉ. ए. एन. उपाध्ये, कैलाशचन्द्र शास्त्री, प्रकाशक-भारतीय ज्ञानपीठ, नई दिल्ली, प्रथम संस्करण 1980 1 णयचक्को - श्री माइल्लधवल, सम्पादन-अनुवाद, पं. कैलाशचन्द्र शास्त्री, प्रकाशक भारतीय ज्ञानपीठ, नई दिल्ली, प्रथम संस्करण, सन् 1971, द्वितीय संस्करण, सन् 1999 तत्त्वार्थराजवार्तिक - आचार्य अकलङ्कस्वामी, सम्पादन-महेन्द्रकुमार जैन, प्रकाशक भारतीय ज्ञानपीठ, नई दिल्ली, प्रथम भाग, छठवाँ संस्करण 2001, द्वितीय भाग 2001 तत्त्वसार - आचार्य देवसेन, व्याख्याकार-मुनि विशुद्ध सागर, सम्पादक-मुनि विश्ववीर सागर, प्रकाशक-सम्यग्ज्ञान वाचना प्रकाशन समिति, विदिशा (मध्यप्रदेश), प्रथम संस्करण, सन् 2004 435 Jain Education International For Personal & Private Use Only www.jainelibrary.org