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________________ विविक्तशैयासन तप - मन को स्थिरता प्रदान करने के लिए, ब्रह्मचर्य व्रत का पालन करने के लिये एवं स्वाध्याय की सिद्धि के लिये एकान्त, जन्तुओं की पीड़ा से रहित शून्य घर, वन, वृक्षों की कोटरों में विभिन्न प्रकार के आसन लगाकर बैठना अथवा शयन करना विविक्त शैयासन तप कहलाता है। 6. कायक्लेश तप - उपसर्ग और परीषहों को सहन करने की शक्ति प्राप्त करने के लिये भीषण गर्मी में तप्त शिला पर बैठकर, शीत ऋतु में खुले आसमान में रातों को वृक्ष के नीचे बैठकर, बरसात में वृक्ष के नीचे बैठकर सामायिक अथवा ध्यान करना कायक्लेश तप कहलाता है। पर्यंकासन, अर्द्धपर्यंकासन, पद्मासन, गवासन, वीरासन, हस्ति शूण्डासन, गोदूहआसन, मकरासन, कुक्कुट आसन आदि ऐसे अनेक प्रकार के आसन जो शरीर को कष्ट देने वाले हों वह कायक्लेश तप है। मंजन नहीं करना, खुजली नहीं करना, अस्नान, थूकने का त्याग, रात्रि में जागृत रहना और केशलोंच करना आदि ये सब कायक्लेश तप हैं। यहाँ कोई प्रश्न कर सकता है कि कायक्लेश और उपसर्ग में क्या अन्तर है? क्योंकि ये समान प्रतीत होते हैं। इसका समाधान करते हैं कि कायक्लेश तप और उपसर्ग वस्तुतः ये दोनों एकदम भिन्न हैं। कायक्लेश अपनी इच्छा से होता है और उपसर्ग अपनी इच्छा के बिना परिस्थितिवशात् अन्य के द्वारा किया जाता है। ये छह प्रकार के बाह्य तप मिथ्यादृष्टि भी तपते हैं और बाह्य में दृष्टिगोचर भी होते हैं। अतः ये बाह्य तप कहलाते हैं। सोलहकारण आदि जितने भी व्रतों का कथन किया गया है, वे सब बाह्य तप हैं। . जो बाह्य में दिखाई न दे, अन्तरंग में ही हों वे अन्तरंग तप कहलाते हैं। ये अन्तरंग तप भी 6 होते हैं। 1. प्रायश्चित्त तप - प्रमाद और अज्ञान के कारण व्रतों में लगे हुए दोषों का प्रमार्जन करने विनय पूर्वक दण्ड लेना प्रायश्चित्त तप कहलाता है। 2. विनय तप - दर्शन, ज्ञान, चारित्र और उपचार भेद से विनय चार प्रकार का है अथवा तप के भेद से पाँच प्रकार का भी है। जीवादि पदार्थों के अस्तित्व में और आत्मतत्त्व में रुचि रखना अर्थात् समीचीन श्रद्धा रखना दर्शन विनय है। 217 Jain Education International For Personal & Private Use Only www.jainelibrary.org
SR No.004264
Book TitleDevsen Acharya ki Krutiyo ka Samikshatmak Adhyayan
Original Sutra AuthorN/A
Author
PublisherZZZ Unknown
Publication Year
Total Pages448
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size7 MB
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