________________ Jain Education International 18. 19. 20.. 21. For Personal & Private Use Only प्राकृत का जैन आगम साहित्य : एक विमर्श /16 15. विवाहचूलिका 16. अरुणोपपात 17. वरुणोपपात . 18. गरुडोपपात 19. धरणोपपात वैश्रमणोपपात 21. वेलन्धरोपपात 22. देवेन्द्रोपपात उत्थानश्रुत 24. समुत्थानश्रुत 25. नागपरिज्ञापनिका / 26. निरयावलिका 27. * कल्पिका 28. कल्पावतंसिका 29. पुष्पिता 30. पुष्पचूलिका 14. तन्दुलवैचारिक 15. चन्द्रवेध्यक 16. सूर्यप्रज्ञप्ति पौरुषीमण्डल मण्डलप्रवेश विद्याचरण विनिश्चय गणिविद्या ध्यानविभक्ति मरणविभक्ति आत्मविशोधि 24. वीतरागश्रुत 25. संलेखनाश्रुत 26. विहारकल्प 27. चरणविधि 28. आतुरप्रत्याख्यान महाप्रत्याख्यान www.jainelibrary.org