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________________ 129. नवतत्त्व प्रकरण 130. न्याय प्रदीप 131. न्यायावतार 132. नन्दीसूत्र 133. नन्दीवृत्ति 184. न्याय विनिश्चय 135. नियमसार 136. अनेकान्त है तीसरा नेत्र 137. निशीथ सूत्र . 138. न्याय सूत्र 189. न्याय प्रवेशिका : 140. प्रतिमा शतक चिरंतनाचार्य युवाचार्य श्री आदिनाथ जैन श्वेताम्बर संस्था वि.सं. 2054 बैंगलोर ई.सन् 1997 साहित्यरत्न दरबारीलाल साहित्य रल कार्यालय, ताडदेव, वि.सं. 1986 मुम्बई श्री सिद्धसेन दिवाकर विरचित श्री हर्षपुष्पामृत जैन ग्रंथमाला, वी.सं. 2526 सौराष्ट्र वि.सं. 2056 मधुकर मुनिजी सं. आगम प्रकाशन समिति, ब्यावर, वी.सं. 2436 राजस्थान वि.सं. 2046 हरिभद्र सूरि श्रीमती आगमोदय समिति, सूरत वी.सं. 2441 श्रीमद् भट्टाकलंक देव भारतीय ज्ञानपीठ, काशी वि.सं. 2005 आचार्य कुन्दकुन्द श्री कुन्दकुन्द कहान दिगम्बर जैन ट्रस्ट, बापूनगर, जयपुर आचार्य महाप्रज्ञ जैन विश्व भारती, लाडनूं सं. उपाध्यायजी अमरमुनि अमर पब्लिकेशन, वाराणसी सन् 2005 तथा मुनिश्री कन्हैयालाल अक्षपाद ग्रंथमाला विजयनगरम् संस्कृत सीरीज वि.सं. 1948 हरिभद्र सूरि ओरियण्टल इंस्टीट्यूट, बरोडा वि.सं. 1930 महोपाध्याय यशोविजय दिव्यदर्शन ट्रस्ट, धोलका प्रथमावृत्ति वि.सं. 2044 द्वितीयवृत्ति वी.सं. 2526 वि.सं. 2056 साध्वी डॉ. दर्शनकलाश्री श्री राज राजेन्द्र प्रकाशन ट्रस्ट वी.सं. 2533 जयंतसेन म्युजियम, मोहनखेड़ा वि.सं. 2063 ई.सन् 2007 आचार्य महाप्रज्ञ जैन विश्व भारती, लाडनूं, राजस्थान उपाध्याय यशोविजय श्री यशोभारती जैन प्रकाशन वी.सं. 2506 रचित 5 ग्रंथों का संग्रह समिति, बम्बई वि.सं. 2036 ई.सन् 1980 अनास्वातिजी विरचित श्री परमश्रुत प्रभावक मंडल, मुम्बई प्रथमावृत्ति वी.सं. 2476 ई.सन् 1950 141. प्राकृत एवं संस्कृत साहित्य में गुणस्थानक .. की अवधारणा 142. जैन पारिभाषिक कोश 143. पंचग्रंथि 14. प्रशमरति प्रकरण 595 Jain Education International For Personal & Private Use Only www.jainelibrary.org
SR No.004261
Book TitleMahopadhyay Yashvijay ke Darshanik Chintan ka Vaishishtya
Original Sutra AuthorN/A
AuthorAmrutrasashreeji
PublisherRaj Rajendra Prakashan Trust
Publication Year2014
Total Pages690
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size20 MB
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