________________ 137. 138. 139. 140. 141. 142. 143. 144. न 145. 146. . 147. -148. 149. 150. 151. 152. 153. 154. 155. 156. 157. 158. वही, पृ. 72 वही, पृ. 107 वही, पृ. 86 मोक्षपाहुड, 4 स्वामी कार्तिकेयानुप्रेक्षा, 192 समाधितंत्र, 4 योगसार, 6 परमात्मप्रकाश, 13 ज्ञानार्णव, 5 योगशास्त्र द्वादशप्रकाश, 6 अध्यात्म रहस्य, श्लोक 4-5 ब्रह्मविलास-परमात्म छत्तीसी, 2 धर्मविलास, अध्यात्म पंचासिका, 41 योगावतार द्वात्रिंशिका, 17 यजुर्वेद, उद्धृत-हिन्दी जैन भक्ति काव्य और कवि, पृ. 476 श्रीमद् भागवत्, पंचम स्कन्ध, पंचम अध्याय, पृ. 563 आनन्दघन का रहस्यवाद, पृ. 38 Indian Mysticism, p. 9 Jainism is Based on a Mystic Experience, p. 18 आचारांग, 1/5/6 वही, 1/3/4 (अ) वही, 1/3/4 (ब) तुलनीय - बृहदारण्यकोपनिषद्, 4/5/6 विशेषावश्यक भाष्य, 482 प्रवचनसार, 1, गाथा 48-49 आचारांग, 1/1/1 जैन दर्शन : मनन और मीमांसा, पृ. 439 मोक्षप्राभृत, 4 मोक्षपाहुड, 24 परमात्मप्रकाश, पृ. 23 वही, 174-175, पृ. 284-285 159. 160. 161. 162. 164. 165. 166. 516 Jain Education International For Personal & Private Use Only www.jainelibrary.org