________________ Viane - Repairavaate/te पणदंडा सकत्थय, चेइअ नामसुअ सिद्धत्थयइत्थ॥तारं 11 // दो इग दोदो पंच य, अहिगारा बारस कमेण // 41 // शब्दार्थ-शक्रस्तव, चैत्यस्तव, नामस्तव, श्रुतस्तव अने सिद्धस्तव ए पांच दंडक छे. तेमां बे, एक, बे, बे अने पांच अनुक्रमे सर्व मलीने बार अधिकार छे. // 41 // विस्तारार्थः-पांच दंगकनां नाम कहे . तेमां पहेद्यं नमोत्थुणंने शक्रस्तव दंगक कहिये. बोजु अरिहंत चेश्याणंने चैत्यस्तव दंगक कहिये. त्रीजुं लोगस्सने नाम स्तव दंगक कहिये. चोथु रवरदीने श्रुतस्तव दंगक कहियें. पांच, सिद्धाणंबद्धाणंने सिद्धस्तव दंगक कहियें. ए पांच दंगकना नामर्नु अगीयारमुं धार कडं. सर्व मसी उत्तर बोल रए७५ थया // हवे ए पांच दमकने | विषे देव वांदवाना बार अधिकार बे; तेमनुं बारमुं द्वार कहे . तिहां प्रथम शक्रस्तब मध्ये बे अधिकार तथा बीजा अरिहंतचेश्याणरूप चैत्य स्तवमध्ये aveeermudesaweshwesteDecemRRER/G/06/ - goatosavetasis/aaaaavenuevarwa Jan Education International For Personal & Private Use Only