________________ प०भा० थ०भा० // 156 // Bus/aparavanaeraamaayaanusaramaves/swas अनुमोदवा आश्री. एवं सर्व मली दिकसंयोगे एकवीश नंग अया. तेनी साथे पूर्वोक्त एक संयोगना एकवीश मेलवतां, बहेंतालीश नांगा थया..... . हवे त्रिक संयोगे सात नंग थाय, ते कहे . एक प्राणातिपातादिकने मने करी न करूं, न करा, अने ने अनुमोदूं, बीजो वचने करी न करूं, न करावं अने न अनुमोदूं, त्रीजो कायाये करी न करूं, न करावं अने न अनुमोदूं, चोथो मन अने वचने करी न करूं, न करा, अने न अनुमोद्, पांचमो मन, अने कायाये करी न करूं, न करावं, अने न अनुमोदूं, बहो वचन अने कायाये करी न करूं, न करावु अने न अनुमोदूं, सातमो मन, वचन अने कायाये करी न करूं, न करावं अने न अनुमोदूं, ए त्रिकसंयोगी सात नांगा थया. ते पूर्वोक्त बहेंतालीश साथे मेलवतां सर्व मली जंगणपचास नांगारूप ते अणुव्रत, गुणत्रत थने अनिग्रहादिकना नेद उपजे, तेने त्रण काल ते अतीत, अनागत अने वर्तमान, ए त्रण काले करी गुणीये, तेवारे एकशोने सुमतालीश (१४७)नांगा थाय.माटे जे एटला नांगा जाणे, ते पच्चरकाणनो कुशल कहीये. यदुक्तं // PemasteptemessageDEDDIATIME/APasteus/moAPNAVRE inin Education international For Personal & Private Use Only www.janelyg