________________ 1PosprotsavitaSatauses/ANGDAMD/aonesex 7 आठमुं आलंबनत्रिक अने नवमुं 10 अग्यारसुं पांच दंडकनुं द्वार अने बारमुं मुद्रात्रिकनुं स्वरुप १४थी१८ 14 पांच दंडकने विषे देवांदवाना बार 8 दशमा प्रणिधान त्रिकर्नु स्वरुप 19 17 अधिकार आवे छे तेनुदार ४१थी४९३८ 5 पांच प्रकारना अभिगमर्नु बीजुद्वार 20-2118 11 तेरमुं चार वांदवा योग्यतुं द्वार तथा 6 वे दिशिनुं त्रीजुंद्वार तथा त्रण अवग्रहनु चौदमुं सम्यगद्रष्टि देवने स्मरवा चोथुद्वार योग्यनुद्वार ७त्रण प्रकारे चैत्यवंदन करवानुं पांचमुंद्वार 23-24 20 12 पंदरमुं चार प्रकारना जिननुं द्वार 51 8 छ९ प्रणिपातद्वार तथा सातमुं 13 सोळमुं चार थोयोनुं द्वार नमस्कारद्वार 14 सतरमुं देववांदवाना आठ निमित्तनुंदार 53 9 सातमुं देववंदन अधिकारे जे नवकार . . 15 अढारमुं देवांदवाना वार हेतु-द्वार 54 प्रमुख नव मूत्रां आवे छे तेमना हलवा 19 ओगणीसमुं सोल आगारनुं द्वार भारे अक्षरोनो संख्यान आठमुं द्वार 17 वीसमुं काउसग्गना ओगणीस दोषमुंद्वार 56 तथा पद संख्यानुं नवसुं द्वार अने | 18 एकवीसमें काउसग्गना प्रमाणनु तथा संपदानुं दसमुंद्वार २६थी४० 23 / बावीसमुं श्री वीतरागर्नु स्तवन केवा PreViewIEWSavasanapaneseDimens/anavare Jain Education international For Personal & Private Use Only www. j brary