________________ resents a गुभाग गुभा. VAARRPotassadn0ORADAAGDROINotsaas पोताना माननुं गालवु थाय. त्रीजो गुरु जे पूज्यजन तेमनी पूजा सेवा लक्तिनुं साचव, थाय. चोथो समस्त कल्याणर्नु मूल रूप एवी श्रीतीर्थंकर देवनी आज्ञा तेनु थाराधन थाय एटले आज्ञानुं पालQ थाय केमके नगवंते विनय मूल धर्म कह्यो , तथा पांचमो श्रुतधर्मनी आराधना श्राव, केमके श्रुतज्ञान जे गुरु पासेंथी नणदुं ते पण वंदन पूर्वक नण, कयु ले. तथा बहो गुण तो परंपरायें एथी अक्रियारूप फल एटले सिद्धपणुं पामीयें ए ब गुण वांदणां देवाथी उपजे, | तेनुं चौदमुं द्वार पूर्ण थयुं, उत्तर बोल 157 थया // 27 // . .. हवे त्रय गाथायें करी गुरुस्थापना- पन्नरमुंद्वार कहे ... गुरु-महोटो | गुरूं-गुरुने | तथ्य-तत्र, ते उविज-स्थापीने गुणजुत्तं-गुणेकरी युक्त गविजा-स्थापन करीने | अरूखाई-अक्षादिक | सख्खं-साक्षात् तु-निश्चे / अहव-अथवा नाणाइतियं-ज्ञानादि त्रण / गुरुप्रभावे-गुरुना अभावे Varuaamaagesranamasat al // 12 // Mail For Personal & Private Use Only