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________________ 'निर्ग्रन्थ प्रवचन' प्रकाशन सौजन्य Marwarma Tartariyar Marurter Twwwyeuron 191999 666666 விப்பு MIRMIREसाल MAPAR श्रावक रन श्राविक रन स्व. श्री जय कुमार जी जैन स्व. श्रीमती मोती देवी जी जैन उत्तर प्रदेश की तीतरवाड़ा गांव में श्रावक श्रेष्ठ स्व. श्रीमान बाबूराम जी जैन के सुपुत्र श्रावक रत्न स्व. श्री जय कुमार जी जैन का परिवार लम्बे समय से धर्म की प्रभावना में अपना योगदान करता रहा है। इस परिवार की श्रेष्ठ श्राविका गृहिणी स्व. श्रीमती मोती देवी जैन ने भी आपके इन सेवा कार्यक्रमों की सदैव से ही सराहना करते हुए हार्दिक सहयोग प्रदान किया है। इस परिवार में आपके पुत्र श्री प्रवीन कुमार जैन, पुत्रवधु श्रीमती मीनू जैन, पुत्र श्री अमित कुमार जैन, पुत्रवधु श्रीमती अन्नु जैन का भी हार्दिक सहयोग रहा है। यह परिवार संघगौरव परम सेवाभावी पूज्य गुरुदेव श्री प्रेमसुख जी म. के प्रति अनन्य सेवाभक्ति वाला परिवार है, जो वर्तमान में संघ सेतु, संघ रत्न पूज्य उपाध्याय श्री रवीन्द्र मुनि जी म. आदि ठाणा के प्रति भी पूज्य गुरुदेव की भांति ही अपनी भक्ति रखता है। ___इस गुरुभक्त परिवार ने प्रस्तुत प्रवचन पुस्तिका 'निर्ग्रन्थ प्रवचन' को चतुर्विध संघ के स्वाध्याय हेतु समर्पित करते हुए अपना प्रकाशन सौजन्य प्रदान किया है / प्रकाशक मण्डल प्रकाशन सहयोगी परिवार का हार्दिक आभार मानते हुए इन्हें हार्दिक धन्यवाद देता है एवं इस सम्पूर्ण परिवार के उज्ज्वल भविष्य की कामना करते हुए उत्तरोत्तर विकास की मंगल भावना रखता है। प्रकाशक गुरुप्रेमसुख धाम प्रकाशक 16, नैशनल रोड़, लक्ष्मण चौक, देहरादून (उत्तराखण्ड) Jain Education International For Personal & Private Use Only www.jainelibrary.org
SR No.004259
Book TitleNirgranth Pravachan
Original Sutra AuthorN/A
AuthorChauthmal Maharaj
PublisherGuru Premsukh Dham
Publication Year
Total Pages216
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size33 MB
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