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ग) अर्धमागधी - गद्य का उदाहरण
यहाँ प्रस्तुत है अर्धमागधी प्राकृत भाषा के गद्यांश का उदाहरण जो कि आचारांग के प्रथम श्रुत-स्कन्ध, प्रथम अध्ययन के प्रथम उद्देशक शस्त्र परिज्ञा का प्रारम्भिक अंश है:
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१. अप्पणो अत्थित्त-पदं
सुयं मे आउ ! तेणं भगवया एवमक्खायं - इहमेगेसिं नो सण्णा भवइ, तं जहा - पुरत्थिमाओ वा दिसाओ आगओ अहमंसि दाहिणाओ वा दिसाओ आगओ अहमंसि, उत्तराओ वा दिसाओ आगओ अहमंसि, पच्चत्थिमाओ वा दिसाओ आगओ अहमंसि, उड्ढाओ वा दिसाओ आगओ अहमंसि, अहे वा दिसाओ आगओ अहमंसि, अण्णयरीओ वा दिसाओ आगओ अहमंसि, अणुदिसाओ वा आगओ अहमंसि ।
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२.
एवमेगेसिं णो णातं भवति अत्थि मे आया ओववाइए, णत्थि मे आया ओववाइए, के अहं आसी ? के वा इओ चुओ इह पेच्चा भविस्सामि ?
३. सेज्जं पुण जाणेज्जा - सहसम्मुइयाएं, परवागरणेणं, अण्णेसिं वा अंतिए सोच्चा, तं जहा - पुरत्थिमाओ वा दिसाओ आगओ अहमंसि, दक्खिणाओ वा दिसाओ आगओ अहमंसि, पच्चत्थिमाओ वा दिसाओ आगओ अहमंसि, उत्तराओ वा दिसाओ आगओ अहमंसि, उड्ढाओ वा दिसाओ आगओ अहमंसि, अहे वा दिसाओ आगओ अहमंसि, अण्णयरीओ वा दिसाओ आगओ अहमंसि, अणुदिसाओ वा आगओ अहमंसि ।
४.
एवमेगेसिं जं णातं भवइ अत्थि मे आया ओववाइए। जो इमाओ दिसाओ अणुदिसाओ वा अणुसंचरइ, सव्वाओ दिसाओ सव्वाओ अणुदिसाओ जो आगओ अणुसंचरइ सोहं ।
५.
से आयावाई, लोगावाई, कम्मावाई, किरयावाई |
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