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________________ १०२९-१०७२) कृत सुलोयण चरिउ, २०. सिद्धसिंह (वि. सं. १३वीं शताब्दी) पज्जुण्ण चरिउ (प्रद्युम्न चरित्र), २१. हरिभद्रसूरि (वि. सं. १२१६) कृत सनत्कुमार चरिउ, २२. लखमदेव (वि. सं. १५१२ से पूर्व) कृत णेमिणाह चरिउ, २३. जयमित्र (वि. सं. १५४५ से पूर्व) कृत वर्द्धमान चरित्र, २४. माणिक्य राव (वि. सं. १५७६-१५८९) कृत नागकुमार चरित्र, २५. हरिदेव (१२वीं से १५वीं शताब्दी) कृत मयण पराजय चरिउ। ख) प्रेमाख्यानक काव्य १. सिद्ध कृत विलासवती कहा, २. लाखू कृत जिनदत्त कहा, ३. धाहिल कृत पउमसिरि चरिउ, ४. नयनन्दी कृत सुदंसण चरिउ, ५. माणिक्य नन्दी कृत सुदर्शन चरित्र। ग) कथा साहित्य १. धनपाल कृत भविसयत्त कहा, २. लाखू कृत जिनदत्त कहा, ३. सिद्ध कृत विलासवती कहा, ४. रइधू कृत सिरिपाल कहा, ५. श्रीधर कृत भविसयत्त, ६. दामोदर कृत सिरिपाल चरिउ। घ) रास काव्य १. जिनदत्त सूरि (स. १२९५) कृत उपदेश रसायन रास, २. सोमतिलक कृत कुमारपाल देव रास, ३. राजतिलक कृत चन्दनबाला रासु, ४. शालिभद्र सूरि कृत बुद्धि रास, ५. अद्दहमाण (अब्दुर्रहमान - १२वीं शती) कृत सन्देश रासक, ६. जिनदत्त सूरि कृत चर्चरी, ७. देवेन्द्र सूरि कृत गय सुकुमार रास, ८. जिनप्रभ कृत नेमि रास, जोइन्दु कृत योगी रासु, ९. लक्ष्मीचन्द कृत दोहाणुप्रेक्षा रास। इस प्रकार हजारों की संख्या में प्रकाशित-अप्रकाशित रासो ग्रन्थ उपलब्ध हैं। १०८ Jain Education International For Personal & Private Use Only www.jainelibrary.org
SR No.004257
Book TitlePrakrit Bhasha Vimarsh
Original Sutra AuthorN/A
AuthorPhoolchand Jain Premi
PublisherB L Institute of Indology
Publication Year2013
Total Pages160
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size10 MB
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