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196 : अंग साहित्य : मनन और मीमांसा
व्यक्ति कृष्ण के परिवार से संबंधित हैं छठे, सातवें और आठवें वर्ग का संबंध महावीर के शासन से है।
छठे वर्ग के निम्न 16 अध्ययन बताये गये हैं :
1. मकाई 2. किंकम 3. मुद्गरपाणि 4. काश्यप 5. क्षेमक 6. धृतिधर 7. कैलाश 8. हरिचन्दन 9. वारत्त 10. सुदर्शन 11. पुण्यभद्र 12. सुमनभद्र 13. सुप्रतिष्ठित 14. मेघकुमार 15. अतिमुक्त कुमार 16. अलक्क (अलक्ष्य) कुमार।
सातवें वर्ग के 13 अध्ययनों के नाम निम्न हैं :
1. नन्दा 2. नन्दवती 3. नन्दोत्तरा 4. नन्दश्रेणिका 5. मरुता 6. सुमरुता 7. महामरुता 8. मरुद्देवा 9. भद्रा 10. सुभद्रा 11. सुजाता 12. सुमनायिका 13. भूतदत्ता। ____ आठवें वर्ग में काली, सुकाली, महाकाली, कृष्णा, सुकृष्णा, वीरकृष्णा, रामसेनकृष्णा, कर्मसेनकृष्णा और महासेनकृष्णा इन दस श्रेणिक की पत्नियों का उल्लेख है। उपर्युक्त सम्पूर्ण विवरण को देखने से केवल किंकम और सुदर्शन ही. ऐसे अध्याय हैं जो स्थानांग में उल्लिखित विवरण से नाम साम्य रखते हैं, शेष सारे नाम भिन्न हैं।
अन्तकृद्दशा की विषयवस्तु संबंधी प्राचीन उल्लेख :
स्थानांग में हमें सर्वप्रथम अन्तकृद्दशा की विषयवस्तु का उल्लेख प्राप्त होता है। इसमें अन्तकृद्दशा के निम्न दस अध्यन बताये गये हैं- नमि, मातंग, सोमिल, रामगुप्त (रामपुत्त), सुदर्शन, जमाली, भयाली, किंकम, पल्लतेतीय और फालअम्बपुत्र। यदि हम वर्तमान में उपलब्ध अन्तकृद्दशा को देखते हैं तो उसमें उपर्युक्त दस अध्यायों में केवल दो नाम सुदर्शन और किंकम उपलब्ध हैं।
समवायांग में अन्तकृद्दशा की विषयवस्तु का विवरण देते हुए कहा गया है कि इसमें अन्तकृत जीवों के नगर, उद्यान, चैत्य, वनखण्ड, राजा, माता-पिता, समवसरण, धर्माचार्य, धर्मकथा, इहलोक और परलोक की ऋद्धि विशेष, भोग और उनका परित्याग, प्रव्रज्या, श्रुतज्ञान का अध्ययन, तप तथा क्षमा आदि बहुविध
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