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________________ परमात्मा बनने की कला दुष्कृत गर्दा आत्म-विकास में उपयोगी पाँचभाव 'मिच्छामि दुक्कडम्' में गर्भित ये पाँच भाव आत्मविकास के लिए बहुत उपयोगी 1. दोषोंकातिरस्कार 2. दोषित आत्माकीदुर्गच्छा 3. नम्र और कोमल हृदय 4. स्वच्छन्द निरंकुशवृत्ति पर रोक; और 5. दोष दुष्कृत्य के मूल में काम करने वाले कषायों का उपशम,अतत्व रुचि का त्यागा पहले एवं दूसरे भावों से यह लाभ है कि दोषों का फिर से सेवन करने का प्रसंग आ भी जाए तो उसमें पहले के जैसे रस नहीं रहेगा। दोषों को कम से कम करने की वृत्ति बन जाएगी। इसलिए जब तक दुष्कृत्य सेवन चल रहा है, तब तक इनकी गर्दा और स्वात्म दुर्गच्छा रहनी ही चाहिए। यहाँ प्रश्न उठता है कि पाप करते रहे और फिर उन पापों की गर्दी करते रहे तो क्या दंभ या छल पंपच नहीं होगा? उत्तर में कहा जाता है कि यदि इस प्रकार दंभ का विचार करके जो बारम्बार किये गये दुष्कृत्य की गर्दा का कार्य न करे तो जीव कभी भी ऊँचा नहीं आ पाएगा। क्योंकि, संसार में पहली बार में दोषों का त्याग हो ही नहीं सकता है। गृहस्थ को घर-संसार के आरम्भ परिग्रह एवं विषयों के पापं रहते ही हैं। साधु को वीतरागता प्राप्त होने से पहले अनेक छोटे-छोटे राग-द्वेष, हास्य, रति-अरति इत्यादि बाधक बनते हैं। यदि इनकी गर्दा, तिरस्कार, स्वात्म दुर्गच्छा नहीं करते हों तो इसका अर्थ यह होगा कि उनका दिल दोषों में दुःखी नहीं होता बल्कि खुश रखने वाला बनता है। बाद में ये कभी छूट नहीं सकेंगे, ये गर्हा-दुर्गच्छा चलती रहेगी तो ही दोषों का सेवन निष्क्रिय बनते जाएँगे। इसलिए पापों की गर्दादि में दंभ या छल प्रपंच नहीं है, जबकि यहाँ किसी को दिखाने के लिए, या दूसरी तीसरी लालसा के लिये नहीं, बल्कि अन्तर से अकर्त्तव्य रूप से पूर्ण लगन से दोषों के प्रति गर्दा तिरस्कार होना चाहिए। भरत चक्रवर्ती को भी ऐसी आन्तरिक गर्दा चलती रहती थी। इसी का प्रताप था कि आरीसा भवन में मौका मिलते ही रागादि दोषों की गर्दा और इनके पोषक पदार्थ के ऊपर घृणा बढ़ी, फिर प्रबल पापप्रतिघात होते ही तुरन्त उनको केवलज्ञान प्रकट हुआ। Jain Education International 168 For Personal & Private Use Only www.jainelibrary.org
SR No.004255
Book TitleParmatma Banne ki Kala
Original Sutra AuthorN/A
AuthorPriyranjanashreeji
PublisherParshwamani Tirth
Publication Year2000
Total Pages220
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size23 MB
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