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वसवाँ अध्याय कर्म का अभाव (क्षय)
यत्नसाध्य(145)
अयत्नसाध्य(3) चरमदेह वाले के इनका सत्त्व ही नहीं
* नरकायु *तिर्यंचायु * देवायु
उत्तर प्रकृतियाँ
मूल प्रकृति
गुणस्थान प्रकृति
संख्या 4 से 77 किसी
4 चारित्र मोहनीय | - अनंतानुबंधी 4 कषाय 3 दर्शन मोहनीय | -मिथ्यात्व, मिश्र,सम्यक्त्व प्रकृति
| एक में
16
3 दर्शनावरण 13 नाम कर्म
8
| चारित्र मोहनीय
| - 3 बड़ी निद्रा
- नरक गति, नरक गत्यानुपूर्वी, तिर्यंच गति, तिर्यंच गत्यानुपूर्वी, एकेन्द्रियादि 4 जाति, सूक्ष्म, । साधारण, स्थावर, आतप, उद्योत - अप्रत्याख्यानावरण, प्रत्याख्यानावरण 8 कषाय - नपुंसक वेद - स्त्रीवेद - नो कषाय - पुरुष वेद - संज्वलन क्रोध - संज्वलन मान - संज्वलन माया
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