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________________ ... 1 1 2 3 4 5 5 117 5 5 5 5. 6 7 8 9 10-27 10 11 12 13-14 Jain Education International षष्ठ अध्याय षष्ठ अध्याय विषय-वस्तु आस्रव के भेद योग के भेद निमित्त अपेक्षा योग के भेद योगगुण आस्रव का स्वरूप योग के निमित्त से आस्रव में भेद स्वामी अपेक्षा आस्रव के भेद साम्परायिक आस्रव-39 भेद 25 क्रियाएँ 5 विभिन्न क्रियाएँ 5 हिंसा भाव की मुख्यतारूप क्रियाएँ 5 इन्द्रियों के भोग बढ़ाने सम्बन्धी क्रियाएँ 5 धर्माचरण में दोष कारक क्रियाएँ 5 धर्म-धारण से विमुख करने वाली क्रियाएँ आस्रव में हीनता - अधिकता के कारण अधिकरण के प्रकार जीव अधिकरण के भेद अजीव अधिकरण के भेद आठ कर्मों में प्रत्येक के आस्रव के कारण ज्ञानावरण - दर्शनावरण के आस्रव के कारण असातावेदनीय के आस्रव के कारण सातावेदनीय के आस्रव के कारण मोहनीय के आस्रव के कारण For Personal & Private Use Only 112 113 113 113 113 114 114 115 116 117 117 117 118 118 118 119 119 120 121 121 121 122 123 www.jainelibrary.org
SR No.004253
Book TitleTattvartha Sutra
Original Sutra AuthorN/A
AuthorPuja Prakash Chhabda
PublisherJain Sanskruti Samrakshak Sangh Solapur
Publication Year2010
Total Pages258
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size17 MB
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