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५०४ ] उत्तराध्ययन-सूत्र : एक परिशीलन सुग्रीव नगर : ___ इसके विषय में निश्चितरूप से कुछ नहीं कहा जा सकता है। राजा बलभद्र और उसका पुत्र 'बलश्री' ( मृगापुत्र ) यहीं रहते थे। यह नगर रमणीक तथा वन व उपवनों (उद्यानों) से सुशोभित भी था। सौवीर :२
प्राचीन समय में सिन्धु-सौवीर एक प्रसिद्ध जनपद था। यहां का राजा उदायन था। 'सिन्धु-सौवीर' यह संयुक्त नाम ही प्रचलित है। आदिपुराण में भी इसका उल्लेख मिलता है। सौवीर जनपद सिन्धु नदी और झेलम नदी के मध्य का भूभाग रहा है। अभयदेव के अनुसार सिन्धु नदी के पास होने के कारण सौवीर (सिन्ध) को सिन्ध-सौवीर कहा जाता था। इसकी राजधानी जैन ग्रन्थों के अनुसार वीतिभयपट्टन थी । बौद्धग्रन्थों में सिन्धु और सौवीर को अलगअलग मानकर सौवीर की राजधानी 'रोरुक' बतलाई गई है । . हस्तिनापुर :
ब्रह्मदत्त चक्रवर्ती के पूर्वभव के ( संभूत के ) जीव ने यहीं पर निदानबन्ध किया था जिसके प्रभाव से वह अगले भव में वस्तुस्थिति को जानकर भी विषयभोगों को नहीं त्याग सका था। मेरठ से २२ मील ( उत्तर-पूर्व में ) दूर स्थित हस्तिनापुर गांव से इसकी पहचान की जाती है। जैनियों का यह तीर्थक्षेत्र है। यह कुरु जनपद की प्रसिद्ध राजधानी थी। यहां १६वें, १७वें और १८वें तीर्थङ्कर के चार-चार कल्याणक हुए थे । आदिपुराण में इसे गजपुर कहा गया है।६ महाभारत के अनुसार यह कौरवों की राजधानी थी और किसी समय यहाँ राजा शान्तनु राज्य करते थे। सुहोत्र के पुत्र राजा हस्ती ने इसे बसाया था। अतः इसका नाम हस्तिनापुर ( हस्तिपुर ) पड़ा।
१. उ० १६.१. २. उ०१८.४८. ३. आदिपुराण, १६.१५५, ४. जै०भा०स०, पृ० ४८२. ५. उ० १३.१. ६. आदिपुराण, ४७.१२८. ७. महा० ना०, पृ० ४०४.
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