SearchBrowseAboutContactDonate
Page Preview
Page 17
Loading...
Download File
Download File
Page Text
________________ कर्म-विज्ञान : भाग ८ विषय-सूची क्या? १७ १०३ १२४ १५१ १. निर्जरा का मुख्य कारण : सुख-दुःख में समभाव २. समतायोग का मार्ग : मोक्ष की मंजिल ३. समतायोग का पौधा : मोक्षरूपी फल ४. मोक्ष से जोड़ने वाले : पंचविध योग ५. बत्तीस योग-संग्रह : मोक्ष के प्रति योग, उपयोग और ध्यान के रूप में ६. मोक्ष : क्यों, क्या, कैसे, कब और कहाँ ? ७. मोक्षमार्ग का महत्त्व और यथार्थ स्वरूप ८. निश्चयदृष्टि से मोक्षमार्ग : क्या, क्यों और कैसे? ९. भक्ति से सर्वकर्ममुक्ति : कैसे और कैसे नहीं ? १०. शीघ्र मोक्ष-प्राप्ति के पुरुषार्थ की सफलता ११. शीघ्र मोक्ष प्राप्ति के विशिष्ट सूत्र १२. मोक्ष अवश्यम्भावी : किनको और कब? १३. मोक्ष-सिद्धि के साधन : पंचविध आचार १४. मोक्ष के निकट पहुँचाने वाला : उपकारी समाधिमरण १५. संलेखना-संथारा : मोक्षयात्रा में प्रबल सहायक १६. मोक्षप्रापक विविध अन्तःक्रियाएँ : स्वरूप, अधिकारी, योग्यता १७. मुक्ति के आध्यात्मिक सोपान १८. मुक्ति के अप्रमत्तताभ्यास के सोपान २५२ २७० ३१० Jain Education International For Personal & Private Use Only www.jainelibrary.org
SR No.004249
Book TitleKarm Vignan Part 08
Original Sutra AuthorN/A
AuthorDevendramuni
PublisherTarak Guru Jain Granthalay
Publication Year
Total Pages534
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size9 MB
Copyright © Jain Education International. All rights reserved. | Privacy Policy