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श्री तारक गुरु जैन ग्रन्थालय का ३४५वाँ रत्न
कर्म-विज्ञान
: सातवाँ भाग
(संवर एवं निर्जरा तत्त्व का स्वरूप-विवेचन)
. लेखक
: आचार्य श्री देवेन्द्र मुनि
सम्पादक
: विद्वद्रत्न मुनि श्री नेमिचन्द्र जी
• प्रथम आवृत्ति
: वि. सं. २०५३, भाद्रपद शुक्ला १२
आत्म जयन्ती सितम्बर १९९६ .
• प्रकाशक/प्राप्ति-स्थान : श्री तारक गुरु जैन ग्रन्थालय
गुरु पुष्कर मार्ग, उदयपुर-३१३ 00१ फोन : (०२९४) ४१३५१८
मुद्रण
: श्री राजेश सुराना द्वारा,
दिवाकर प्रकाशन . ए-७, अवागढ़ हाउस, एम. जी. रोड आगरा-२८२ ००२ फोन : (०५६२) ३५११६५
: एक सौ पच्चीस रुपया
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