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________________ -६.८०] मोक्षप्रामृतम् स्वभावेन याञ्चापरा जिनमुद्रां प्रदश्यं धनं याचन्ते मातरं प्रदश्य भाटी गृहणन्ति तत्समानाः। ( आषाकम्मम्मि रया) आधाकर्मणि अधःकर्मणि निन्द्यकर्मणि उपविश्य भोजनं कारयित्वा भुंजते ये तेऽधःकर्मरता इत्युच्यन्ते । ( ते चत्ता मोक्समग्गम्मि ) ते मुनयस्त्यक्ताः पतिता मोक्षमार्गादिति भावार्थः । निगंथ मोहमुक्का बावीसपहरीसहा जियकसाया। पावारंभविमुक्का ते गहिया मोक्खमग्गम्मि ॥८॥ निर्ग्रन्थ मोहमुक्ता द्वाविंशतिपरीषहा जितकषायाः । पापारम्भविमुक्ताः ते गृहीता मोक्षमार्गे ॥८॥ ( निग्गंथ ) निग्रन्थाः परिग्रहरहिताः ( मोहमुक्का ) मोहमुक्ताः पुत्रमित्रकलत्रादिस्नेहरहिताः । ( बावीहपरीसहा ) द्वाविंशतिपरीषहा द्वाविंशतिपरीषहसहनशीलाः । (जियकसाया ) क्रोधमानमायालोभकषायरहिताः। ( पावारंभविमुक्का ) पापारंभेभ्यो विमुक्ता रहिता हिंसादिपंचपातकविहीनाः सेवाकृषिवाणिज्यादिप्राणातिपातहेतुभूतारम्भरहिताः। (ते गहिया मोक्खमग्गम्मि) ते गृहीता अङ्गीकृता, मोक्षमार्गे रत्नत्रयलक्षणे । मुनि मोक्षमार्ग से त्यक्त हैं छूटे हुए हैं अर्थात् पतित हैं । जो मुनि जिन मुद्राको दिखाकर धन की याचना करते हैं वे माता को दिखा कर भाड़ा ग्रहण करने वालों के समान हैं ।।७९।। .: गाथार्य-जो परिग्रह से रहित हैं पुत्र मित्र स्त्री आदि के स्नेह से रहित हैं, बाईस परीषहों को सहन करने वाले हैं, कषायों को जीतने वाले हैं तथा पाप और आरम्भ से दूर हैं वे मोक्षमार्ग में अङ्गीकृत हैं। विशेषार्थ-जो निर्ग्रन्थ हैं अर्थात् परिग्रह से रहित हैं, मोहमुक्त हैं अर्थात् पुत्र मित्र तथा स्त्री आदि के स्नेह से रहित हैं, जिन परोषह हैं अर्थात् क्षुधा तृषा आदि बाईस परोषहों को सहन करने वाले हैं, जिनकषाय हैं अर्थात् क्रोध, मान, माया, लोभ, कषाय को जीतने वाले हैं और पापारम्भ विमुक्त हैं अर्थात् हिंसादि पापों और सेवा कृषि आदि आरम्भों से रहित हैं वे मोक्षमार्ग में गृहीत हैं अर्थात् उन्हें मोक्षमार्ग में प्रविष्ट माना गया है . . . . Jain Education International For Personal & Private Use Only www.jainelibrary.org
SR No.004241
Book TitleAshtpahud
Original Sutra AuthorKundkundacharya
AuthorShrutsagarsuri, Pannalal Sahityacharya
PublisherBharat Varshiya Anekant Vidwat Parishad
Publication Year2004
Total Pages766
LanguageHindi, Sanskrit
ClassificationBook_Devnagari, Sermon, Principle, & Religion
File Size13 MB
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