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________________ पुरूष) 12. श्राविका ( मनुष्य स्त्री) । प्र. 1384 बारह पर्षदा कौन से गढ़ में होती है ? तीसरे गढ़ प्र. 1385 मणिपीठ, चैत्यवृक्ष, सिंहासन, छत्र, चामर देवच्छंदादि की रचना कौन से देवता करते है ? उ. व्यंतर देव । प्र.1386 अरिहंत परमात्मा के सामने क्या सुशोभित होता है ? धर्म चक्र । उ. में उ. प्र. 1387 आदिनाथ परमात्मा से नेमिनाथ परमात्मा तक के समवसरण कितने कोस प्रमाण के थे ? आदिनाथ परमात्मा का 48 कोस प्रमाण का । अजितनाथ परमात्मा का उससे दो कोस प्रमाण कम अर्थात् 46 कोस प्रमाण का । ऐसे ही नेमिनाथ परमात्मा तक क्रमशः दो-दो कोस प्रमाण अल्प समझना । प्र.1388 परमात्मा पार्श्वनाथ और परमात्मा महावीर का समवसरण कितने . कोस प्रमाण का था ? परमात्मा पार्श्वनाथ का 5 कोस और परमात्मा महावीर का 4 कोस प्रमाण का था । प्र. 1389 सौधर्मन्द्र का बनाया समवसरण कितने समय तक रहता है ? उ. आठ दिन तक । 7.1390 अच्युतेन्द्र का बनाया समवसरण कितने दिन तक रहता है । उ. दस दिन तक । प्र. 1391 ज्योतिष्केन्द्र का बनाया समवसरण कितने दिन तक रहता है ? चैत्यवंदन भाष्य प्रश्नोत्तरी उ.. I Jain Education International For Personal & Private Use Only 381 www.jainelibrary.org
SR No.004240
Book TitleChaityavandan Bhashya Prashnottari
Original Sutra AuthorN/A
AuthorVignanjanashreeji
PublisherJinkantisagarsuri Smarak Trust
Publication Year2013
Total Pages462
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size6 MB
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