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________________ दिगम्बर परम्परानुसार प्र.1318 पूजन के अन्य भेद कौन-कौन से है ? उ. जिनागमानुसार पूजन के अन्य पांच भेद निम्न है - 1. नित्यमहं पूजा 2. सर्वतोभद्र पूजा 3. कल्पद्रुम पूजा 4. अष्टान्हिका पूजा 5. इन्द्रध्वज पूजा । प्र.1319 नित्यमह पूजा किसे कहते है ? प्रतिदिवस अपने घर से गन्ध, पुष्प, अक्षत आदि ले जाकर जिनालय में श्री जिनेन्द्र देव की पूजा, अर्चना करना, नित्यमह पूजा कहलाती है। इसे सदार्चन पूजा भी कहते है । उ. प्र.1320 नित्यमह पूंजा के कितने भेद है ? उ. चार भेद है - 1. अपने घर से अष्ट द्रव्य ले जाकर जिनालय में परमात्मा की पूजा करना । 2. जिन प्रतिमा और जिन मंदिर का निर्माण करना । 3. दान पत्र लिखकर ग्राम, खेत आदि का दान करना । 4. मुनिराज को आहार दान देना । उ. प्रथम प्रकार की पूजा प्रतिदिवस करते है । यथा अवसर प्राप्त होने पर शक्तिनुसार अन्य प्रकार की पूजा का लाभ उठाना चाहिए । प्र.1321 सर्वतोभद्र पूजा से क्या तात्पर्य है ? महामुकुटबद्ध राजाओं के द्वारा जो महापूजा की जाती है, उसे सर्वतोभद्र पूजा कहते है । इसका इतर नाम चतुर्मुखयज्ञ पूजा है 1 प्र. 1322 कल्पद्रुम पूजा किसे कहते है ? उ. चक्रवर्ती द्वारा किमिच्छिक दान देकर सर्व जीवों की आशाएं पूर्ण की जाती है, ऐसी महापूजा कल्पद्रुम पूजा कहलाती है । चैत्यवंदन भाष्य प्रश्नोत्तरी Jain Education International For Personal & Private Use Only 369 www.jainelibrary.org
SR No.004240
Book TitleChaityavandan Bhashya Prashnottari
Original Sutra AuthorN/A
AuthorVignanjanashreeji
PublisherJinkantisagarsuri Smarak Trust
Publication Year2013
Total Pages462
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size6 MB
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