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________________ प्र.812 संपदा शब्द की व्याख्या कीजिए ? उ. “साङ् गत्येन पद्यते - परिच्छिद्यतेऽर्थो या भिरिति संपदः ।" अर्थात् उ. दसवाँ संपदा द्वार प्र.813 संपदा किसे कहते है ? सूत्र को बोलते समय ठहरने ( रुकने) के स्थान को संपदा कहते है । प्र.814 संस्कृत में संपदा शब्द के क्या अर्थ है ? संपदा यानि 1.संपति, लक्ष्मी, समृद्धि 2. ऋद्धि, वृद्धि 3. सिद्धि 4. सम्यक् रुप से इच्छा की पूर्ति 5. लाभ 6. पूर्णता 7. सुशोभन 8. अर्थ (धन) का विश्राम स्थान ; सहयुक्त पदार्थ (पद + अर्थ ) योजना 9. शुभ तथा उज्ज्वल भविष्य 10. विकास/प्रगति 11. सम्यक रीति 12. मोतियों का हार । प्र.815 संपदा के अन्य नाम क्या है ? उ. महापद, विरति व विश्राम स्थल है । प्र.816 नवकार मंत्र के पंच परमेष्ठि में कितने वर्ण, पद व संपदा है ? 3: नवकार मंत्र के पंच परमेष्ठि के प्रत्येक पद में क्रमश: 7,5,7,7,9 वर्ण है, पांच पद और पांच सम्पदा अर्थात् पदतुल्य सम्पदा है। पंच परमेष्ठि में 35 सर्वाक्षर है उ. किसी निश्चित्त अर्थ को दर्शाने हेतु पास-पास योग्य रुप से व्यवस्थित शब्दों का समूह। संपदा अर्थात् एक अर्थ के पूर्ण होने पर आने वाला विश्राम स्थान | प्र.817 चूलिका श्लोक के सर्वाक्षर, पद व संपदा बताइये ? चूलिका श्लोक के 33 सर्वाक्षर, 4 पद व 3 संपदा है, अंतिम 8 वीं सम्पदा चैत्यवंदन भाष्य प्रश्नोत्तरी Jain Education International For Personal & Private Use Only 215 www.jainelibrary.org
SR No.004240
Book TitleChaityavandan Bhashya Prashnottari
Original Sutra AuthorN/A
AuthorVignanjanashreeji
PublisherJinkantisagarsuri Smarak Trust
Publication Year2013
Total Pages462
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size6 MB
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