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________________ अर्थात् धम्मुत्तरं वड्डउ तक की गई है । प्र. 802 सिद्धाणं बुद्धाणं सूत्र में कितने पद है ? और पदों की गणना कहाँ तक की गई है? सिद्धाणं बुद्धाणं सूत्र में 20 पद है और पदों की गणना सिद्धा सिद्धिं मम दिसंतु तक की गई है 1 प्र. 803 किन पदों को अक्षर गणना में तो सम्मिलित किया है परन्तु पद और संपदा की गणना में सम्मिलित नही किया गया है ? 'सव्वलोए, सुअस्स भगवओ, वेयावच्चगराणं, सतिगराणं, सम्मदिट्ठि समाहिगराणं' इन पांच पदों को पद और संपदा की गणना में सम्मिलित नही किया है। उ. उ. प्र. 804 जावंति चेइयाई सूत्र में कितने पद हैं ? उ. जावंति चेइयाइं सूत्र में 4 पद है । प्र. 805 जावंत केवि साहू सूत्र में कितने पद हैं - ? उ. जवंत केवि साहू सूत्र में 4 पद है। प्र. 806 जयवीयराय सूत्र के पदों की संख्या बताइये. ? उ. जयवीयराय सूत्र में 8 पद है । प्र. 807 नमुत्थुणं सूत्र के कौनसे पदों व अक्षरों की गणना वर्ण द्वार और पद द्वार में नही की गई है ? 'जीव- दयाणं, दीवो ताणं सरणं गई पइट्ठा' इन पदों की गणना नही की गई हैं । (ये पद श्री कल्प सूत्र के अन्दर शक्रस्तव में बताए गये है ।) 1 प्र. 808 'प्रत्याख्यान निर्युक्ति' की चूर्णि में नवकार मंत्र के पंच परमेष्ठि पदों ( चूलिका श्लोक को छोड ) का पद विन्यास कैसे किया गया ? नौवाँ पद द्वार उ. ++ 212 Jain Education International For Personal & Private Use Only www.jainelibrary.org
SR No.004240
Book TitleChaityavandan Bhashya Prashnottari
Original Sutra AuthorN/A
AuthorVignanjanashreeji
PublisherJinkantisagarsuri Smarak Trust
Publication Year2013
Total Pages462
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size6 MB
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