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प्र.742 निवृत्ति से क्या तात्पर्य है ? उ. "अशुभभाव-नियत्तणं नियती ।"
आवश्यक चूर्णि अशुभ से निवृत होने के लिए प्रतिक्रमण के पर्यायवाची शब्द निवृत्ति का
प्रयोग होता है। प्र.743 शुद्धि से क्या तात्पर्य है ? उ. आत्मा को निर्मल करना । जैसे-सोने पर लगे मैल को तपा कर शुद्ध किया
जाता है। वैसे ही हृदय के मैल को प्रतिक्रमण द्वारा शुद्ध किया जाता
प्र.744 साधकों को किसका प्रतिक्रमण करना आवश्यक है ? उ. 1. 25 मिथ्यात्व, 14 ज्ञानातिचार और 18 पापस्थानकों का प्रतिक्रमण
करना आवश्यक है। 2. पंच महाव्रत, मन, वचन, काया का असंयम, गमन,भाषण, याचना,
ग्रहण, निक्षेप एवं मल,मूत्र आदि से सम्बन्धित दोषों का प्रतिक्रमण । 3. पांच अणुव्रतों, तीन गुणव्रतों और चार शिक्षाव्रतों में लगने वाले
अतिचारों का प्रतिक्रमण । 4. संलेखना व्रतधारी को संलेखना के पांच अतिचारों का प्रतिक्रमण करना
· आवश्यक है। प्र.745 प्रतिक्रमण किन-किन कारणों से किया जाता है ? . उ. 1. जैनागमों में स्थूल हिंसा आदि जिन पापकर्मों का श्रावक के लिए
प्रतिषेध किया जाता है, उन कर्मों के किये जाने पर प्रतिक्रमण किया
जाता है। 2. देवदर्शन, देवपूजन, सामायिक आदि जिन कर्तव्यों के करने का श्रावक ++++++++++++++++++++++++++++++++++++++++ वित्यवंदन भाष्य प्रश्नोत्तरी .
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