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प्र.611 चैत्यवंदन महाभाष्यानुसार चैत्यवंदन के प्रकार बताइये ? उ. चैत्यवंदन के तीन प्रकार - 1. जघन्य 2. मध्यम 3. उत्कृष्ट ।
उपरोक्त तीनों के तीन-तीन और उत्तर भेद है। 1. जघन्य - 1. जघन्य -जघन्य (कनिष्ठ) 2. जघन्य - मध्यम
(विज्येष्ठ) 3. जघन्य-उत्कृष्ट (ज्येष्ठ) । 2. मध्यम - 1. मध्यम - जघन्य 2. मध्यम-मध्यम 3. मध्यम-उत्कृष्ट । 3. उत्कृष्ट - 1. उत्कृष्ट - जघन्य 2. उत्कृष्ट - मध्यम 3. उत्कृष्ट
- उत्कृष्ट । इस प्रकार से कुल नौ भेद होते है। प्र.612 जघन्य-जघन्य चैत्यवंदन किसे कहते है ? उ. एक नमस्कार द्वारा जो वंदन किया जाता है, उसे जघन्य-जघन्य चैत्यवंदन
कहते है। इसे जघन्य का कनिष्ठ चैत्यवंदन भी कहा जाता है । प्र.613 जघन्य-मध्यम चैत्यवंदन से क्या तात्पर्य है ?
उ. 108 श्लोकों या अनेक नमस्कार द्वारा, जो परमात्मा को नमन किया जाता ... है, उसे जघन्य-मध्यम चैत्यवंदन कहते है। - प्र.614 जघन्य-उत्कृष्ट चैत्यवंदन किसे कहते है ? उ. अनेक नमस्कार और 1 नमुत्थुणं सूत्र द्वारा परमात्मा की जो स्तवना की
___जाती है, उसे जघन्य-उत्कृष्ट चैत्यवंदन कहते है। - प्र.615 मध्यम चैत्यवंदना के प्रकारों को समझाइये ? उ. 1. मध्यम-जघन्य चैत्यवंदन - इरियावहिया. + नमस्कार + नमुत्थुणं०
सूत्र द्वारा परमात्मा को जो नमन किया जाता है, वह मध्यम चैत्यवंदन
का जघन्य अर्थात् मध्यम-जघन्य चैत्यवंदन कहलाता है। :++++++++++++++++++++++++++++++++++++++++++ चैत्यवंदन भाष्य प्रश्नोत्तरी
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