________________ 128. आचारांग वृत्ति, पृ. 209 129. वही, पृ. 92, 93 130. (क) आचारांग सूत्र द्विश्रु, पृ. 51, 52 (ख) आचारांग वृत्ति, पृ. 277 131. आचारांग वृत्ति, पृ. 278 132. आचारांग वृत्ति, पृ. 275 133. __ वही, पृ. 275 134. आचारांग सूत्र द्वि. श्रु. पृ. 333 135. (क) आचारांग वृत्ति, पृ. 275 (ख) स्थानांग स्थान–२ (ग) निशीथ चूर्णि 136. आचारांग वृत्ति, पृ. 275 137. आचारांग वृत्ति, पृ. 244 138. आचारांग वृत्ति, पृ. 51 139. आचारांग वृत्ति, पृ. 244 140. वही, पृ. 242 141. वही, पृ. 246, 247, 248 142. आचारांग सूत्र—एक अध्ययन, पृ. 110 143. आचारांग वृत्ति, पृ. 126 144. वही, पृ. 204 आचारांग सूत्र द्वितीय श्रुतस्कन्ध, पृ. 345 146. आचारांग वृत्ति, पृ. 156, 157, 160 147. वही, पृ. 160 148. वही, पृ. 162 149. वही, पृ. 166 150. वही, पृ. 179 151. वही, पृ. 255 152. आचारांग वृत्ति, पृ. 255 153. वही, पृ. 259 154. वही, पृ. 259 155. (क) आचारांग वृत्ति, पृ. 47. (ख) वही, पृ. 45 विस्तार के लिये देखें 156. आचारांग वृत्ति, पृ. 45 157. वही, पृ. 46 158. वही, पृ. 165 206 आचाराङ्ग-शीलाडूवृति : एक अध्ययन Jain Education International For Personal & Private Use Only www.jainelibrary.org