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________________ १. प्रस्तावना की विषयसूची विषय सूची १. प्रस्तुत आवश्यकनिर्युक्ति क्यों ? १. णमोकार महामंत्र के माहात्म्य का उल्लेख २. आवश्यक और नियुक्ति का निरुक्त ३. आवश्यक के छह भेद और उनकी कथन आदि की पद्धति ४. प्रकाशन की मनोभावना २. जैन आगम और उनकी परम्परा १. वेदों की तरह आगमों का संरक्षण आवश्यक २. आगमों के प्रति उदारवादी दृष्टिकोण आवश्यक ३. आगमों का व्याख्या साहित्य १. नियुक्ति और इसका प्रयोजन २. निर्युक्ति की निक्षेप कथन शैली ३. भाष्य ४. चूर्णि और चूर्णिसाहित्य का तुलनात्मक विवेचन संस्कृत टीका साहित्य ५. ६. लोकभाषाओं का व्याख्या साहित्य · ४. व्याख्या साहित्य के परिप्रेक्ष्य में नियुक्तिकार आ० भद्रबाहु : १. आ० भद्रबाहु प्रणीत आवश्यक नियुक्ति ५. मूलाचार, इसकी आवश्यकनिर्युक्ति और कर्ता आ० वट्टकेर १. मूलाचार आचार्य कुन्दकुन्दकृत नहीं २. संग्रहग्रन्थ भी नहीं है मूलाचार ३. मूलाचार : मूलसंघ का एक प्रतिनिधि आगम-शास्त्र ४. आचार्य वट्टकेर का समय और उनका सारसमय ग्रन्थ ५. आचार्य वट्टकेर का व्यक्तित्व ६. मूलाचार के बारह अधिकार ७. मूलाचार पर उपलब्ध- अनुपलब्ध व्याख्या साहित्य १. आचार्य वसुनन्दि एवं उनकी आचारवृत्ति Jain Education International For Personal & Private Use Only पृष्ठ १ २ २ ४ ७ ८ ९ १० ११-१२ १३ १५ १६ १.८ १९ २० २१ २२ २४ २४ २५ २६ २७ २८ २९ २९ www.jainelibrary.org
SR No.004237
Book TitleAavashyak Niryukti
Original Sutra AuthorN/A
AuthorFulchand Jain, Anekant Jain
PublisherJin Foundation
Publication Year2009
Total Pages284
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size20 MB
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