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पंचम प्रकाश
२०१ हो, नौवें मंगल हो, आठवें सूर्य हो और गुरु यदि बलवान् न हो, तो उसकी मृत्यु होती है।
रविः षष्ठस्तृतीयो वा शशी च दशमस्थितः ।
यदा भवति मृत्युः स्यात्तृतीये दिवसे तदा । २०४ ।। यदि आयु सम्बन्धी प्रश्न करते समय सूर्य तीसरे या छठे हो और चन्द्रमा दसवें हो तो उसकी तीसरे दिन मृत्यु समझनी चाहिए ।
पापग्रहाश्चेदुदयात्तुर्ये वा द्वादशेऽथवा।
दिशन्ति तद्विदो मृत्यु तृतीये दिवसे तदा ॥ २०५॥ यदि प्रश्न करते समय पापग्रह लग्न से चौथे या बारहवें हों तो कालज्ञान के ज्ञाता पुरुष तीसरे दिन मृत्यु होना बतलाते हैं ।
उदये पंचमे वापि यदि पापग्रहो भवेत्। .
अष्टभिर्दशभिर्वा स्यादिवसः पंचता ततः ।। २०६ ॥ ___ यदि प्रश्न करते समय चलते लग्न में अथवा पांचवें स्थान में पापग्रह हो तो आठ या दस दिन में मृत्यु होती है ।
धनुमिथुनयोः सप्तमयोर्यद्यशुभ - ग्रहाः ।
तदा व्याधिमृतिर्वा स्याज्ज्योतिषामिति निर्णयः।।२०७॥ . यदि प्रश्न करते समय सातवें धनुष-राशि और मिथुन राशि में अशुभ ग्रह आये हों तो व्याधि या मृत्यु होती है, यह ज्योतिष शास्त्र के वेताओं का निर्णय है। यंत्र के द्वारा कालज्ञान
अन्तस्थाधिकृत-प्राणिनाम - प्रणव - गर्भितम् । कोणस्थ - रेफमाग्नेयपुरं ज्वालाशता - कुलम् ॥ २०८ ।। 'सानुस्वारैरकाराद्यैः षट्स्वरैः पार्वती वृतम्। . स्वस्तिकांकबहिःकोणं स्वाक्षरान्तः प्रतिष्ठितम् ।। २०६ ।।
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