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॥ॐ अहं नमः ॥ श्री आत्म-वल्लभ-समुद्र-इन्द्रदिन्न सूरीश्वर सद्गुरुभ्यो नमः ।।
वल्लभ ग्रन्थमाला
पृष्प-४.
योग शास्त्र भाग-1
(प्रथम प्रकाश के ३३ श्लोक) (हिन्दी विवेचन सहित)
लेखक भारत दिवाकर, पंजाबकेसरी आचार्य देव श्रीमद् विजय वल्लभ सूरीश्वर जी महाराज के शिष्य महान् तपस्वी पन्यास
श्री बलवन्त विजय जी महाराज के शिष्यरत्न विद्वान् __ मुनिराज श्री हेमचन्द्र विजय जी महाराज के
शिष्यरत्न प्रखर व्याख्याता, विद्वान् मुनिराज .. श्री यशोभद्र विजय जी महाराज
व
प्रकाशक श्री विजय वल्लभ मिशन लुधियाना (पंजाब)
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