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99. वही, पु. 6, पृ. 20 100. त. सू., 19 101. वही, सू. 1/11 102. वही, सू. 1/12 103. गो. जी., गा. 314 104. त., सू. 1/20 105. जयधवल, पु. 1, पृ. 310 106. श्रुतमाप्तवचनमागम उपदेश ऐतियमाम्नायः प्रवचनं जिनवचनमित्यनर्थान्तरम्।
स. त. अ., सूत्र 1/20 का भाष्य। 107. श्रुतं मतिपूर्वं द्वयनेकद्वादशभेदम्।-त. सू., 1/20 108. पारमार्थिकं पुनरुत्पत्तावात्ममात्रापेक्षम्।-प्र. न. त., 2/18 109. तद् विकलं सकलं च।-वही, 2/19 110. अवहीयदित्ति ओही सीमाणाणेत्ति वण्णियं समये।
भवगुणपच्चयविहियं जमोहिणाणेत्ति णं वेंति।-गो. जी., गा. 370 111. भवप्रत्ययोऽवधिदेवनारकाणाम्।-त. सू., 1/21 112. गो. जी., गा. 370 113. क्षयोपशमनिमित्तः षड्विकल्पः शेषाणाम्।-त. सू. 1/22 114. गो. जी., गा. 372 115. वही, गा. 373 116. वही, गा 437 117. ऋजुविपुलमति मन:पर्ययः।-त. सू., 1/23 118. विशुद्ध्यप्रतिपाताभ्यां तद्विशेषः।-त. सूत्र, सू. 1/24 119. विशुद्धिक्षेत्रस्वामिविषयेभ्योऽवधिमनः पर्ययोः।-वही, सूत्र 1/25 120. गो. जी., गा. 459 . 121. प्र. सार, गाथा 47-49 122. अस्पष्टं परोक्षम्।-प्र. न. त. 3/1 123. परोक्षमितरत्।-परीक्षा. 3/1 124. अक्ष्णं परम् परोक्षम्।-स. सि., 1/12 टिप्पण 125. स्मरणप्रत्यभिज्ञानतर्वानुमानागमभेदतस्तत् पंचप्रकारम्।-प्र. न. त., 3/2 126. संस्कारोद्वोधनिबन्धना तदित्याकारा स्मृतिः। स देवदत्तो यथा। परीक्षा. 3/3,4 127. प्र. क. मा. सू.।-3/4 की व्याख्या, पृ. 336 128. दर्शनस्मरणकारणकं संकलन-प्रत्यभिज्ञानम्। तदेवेदं, तत्सदृशं, तद्विलक्षणं, . तत्प्रतियोगीत्यादि।-वही, 3/5 129. प. र., सू.। 3/5 की व्याख्या, पृ. 136 130. प्र. र., सू. । 3/11, 12, 13 131. वही, सू. । 3/7, 8 की व्याख्या, पृ. 139
तत्त्वाधिगम के उपाय :: 187
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