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श्री अढार अभिषेक विधि
- सत्तरमुं (कर्पूर) स्नात्र - कपूर मिश्रित जळना कळशो भरी नीचेना श्लोक ने मंत्र बोली अभिषेक बोलवो. नमोऽर्हत्सिद्धाचार्योपाध्यायसर्वसाधुभ्यः
शशिकर-तुषारधवला, उज्ज्वलगन्धा सुतीर्थ-जलमिश्रा कर्पूरोदकधारा, सुमन्त्रपूता पततु जिनबिम्बे ।।१।। कनक-करकनाली-मुक्तधाराभिरद्भिः, मिलित-निखिलगन्धैः केलि-कर्पूरभाभिः।
अखिल-भुवन-शान्तिं शान्तिधारां जिनेन्द्रक्रम-सरसिज-पीठे स्नापयेद्वीतरागान् ।।२।। ॐ ह्रां ह्रीं हूँ हैं हौं हः परमार्हते परमेश्वराय गन्ध-पुष्पादि-संमिश्रकर्पूर-चूर्ण-संयुत-जलेन स्नापयामिति स्वाहा ।
॥इति सप्तदश स्नात्रम् ।। - अढारमुं (केशर-चंदन-पुष्य) स्नात्र ... केशर,चंदन अने फूल मिश्रित कळशो भरी नीचेना श्लोक में मंत्र बोली अभिषेक बोलवो. - नमोऽर्हत्सिद्धाचार्योपाध्यायसर्वसाधुभ्यः
सौरभ्यं घनसार-पङ्कज-रजो-निःप्रीणितैः पुष्करैः, शीतैः शीतकरावदात-रुचिभिः काश्मीर-सन्मिश्रितैः । श्रीखण्ड-प्रसवाचलैश्च मधुरैः नित्यं लभेष्टैर्वरैः, सौरभ्योदक-सख्य-सार्व-चरण-द्वन्द्वं यजे भावतः।।१।।
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