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चन्द्रगुप्त मौर्य के १६ स्वप्नों का फल
आ. श्री भद्रबाहु स्वामी ने बताया है- (कुछ अंश) १. बंदर हाथी का महावत बनेगा-हाथी जैसे भारत के ऊपर बंदर जैसे चंचल नेतागण राज्य करेंगे । २. सोने की थाली में कुत्ता खाता है : लक्ष्मी नीच घरों में वास करेगी।
३. तीन दिशा में समुद्र सूख गया है: धर्म तीन दिशा में खास नहीं होगा। दक्षिण में धर्म रहेगा। ४. समुद्र अपनी मर्यादा को लांघेगा : (कंडला ओरिस्सा में समुद्र ने मर्यादा छोड़कर हाहाकार मचा दिया) घरों में बेटे-बेटी मर्यादा नहीं रखेंगे बहू-सासु को हैरान करेगी। औरतें उत्तम मर्यादा को बंधन मानेगी। सब तरफ मर्यादा रहित जीवन देखने को मिलेगा ।
५. विशाल रथ को छोटे-छोटे बछड़े खींच रहे हैं : जैन शासन की धूरा छोटे-छोटे साधु वहन करेंगे। शादी सुदा व्यक्ति दीक्षा कम लेंगे । महाभारत (व्यासजी कृत) में पांडवों के पांच स्वप्नों गुड नाईट - 86
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