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४. कुलवान औरतें मर्यादा रहित होकर अंगोपांग
प्रदर्शन करेंगी । औरत के पैर की एड़ी नहीं दिखे वैसी वस्त्रों की मर्यादा भारतीय नारी की थी । वह आज के उद्भट वेशभूषा एवं ब्यूटी पार्लरों के आधार से पतित होती जा रही है। विश्व सुन्दरी बनने की प्रतिस्पर्धा स्वीमसूटों से सज्ज होकर परेड करने वाली लड़कियाँ लज्जागुण का उपहास करती हैं । कैसा अध: पतन ! ५. साधुओं में कषाय के भाव होंगे। सभी एकजुट, मिलकर रहने की बजाय छोटी-छोटी बातों में "मैं सच्चा तुम झूठे" कह कर शासन व्यवस्था को छिन्न-भिन्न करने वाले धर्म गुरू जिनशासन की रक्षा कैसे करेंगे? यह लाख रूपये का सवाल है ।
गुड नाईट- 85
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