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________________ टमाटर का सोस अभक्ष्य है, जैन सोस में लहसुन नहीं होता, लेकिन वासी होने से अभक्ष्य है । 27 पूज्य गुरूभगवंतों को आहार वहोराने की विधि भावपूर्वक गोचरी वहोराने से उनकी आराधना के छुट्टे भाग का लाभ मिलता है। • जीरण सेठ की तरह उपाश्रय में जाकर वंदनादि करके गोचरी की विनती करनी चाहिए। • नयसार-धन्ना सार्थवाह सुपात्र दान से ही सम्यक्त्व पाए एवं तीर्थंकर बने हैं। ● सुपात्र दान विधि - दान श्रद्धापूर्वक एवं शक्ति अनुसार देना । भक्तिपूर्वक दान की महत्ता समझकर दान देना । स्वार्थ की लालसा नहीं होनी चाहिए। तो प्रकृष्ट पुण्य बँधता है, एवं उत्कृष्ट कर्म निर्जरा होती है। • गोचरी के समय श्रावकों के घर द्वार खुले हों, श्रावक इंतजार करे, कारण कि साधु दरवाजे की गुड नाईट - 82 Jain Education Internation alor Personal & Pr
SR No.004227
Book TitleGood Night
Original Sutra AuthorN/A
AuthorRashmiratnasuri
PublisherJingun Aradhak Trust
Publication Year
Total Pages100
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size7 MB
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