________________
जीमण के अंदर श्रीखण्ड बनाया, खमण चावल के, कढ़ी भी चावल की, सब्जी शाक दूधी (आल) की परंतु कढ़ी में छमका दिया उसमें मैथी थी सब द्विदल हो गया। अब द्विदल को सूक्ष्मता से समझकर इसकी उत्पत्ति और निकास की ओर ध्यान दें। निकास का अर्थ कठोल के बर्तन और दही-छाछ के बर्तन सांथ में धोने से भी अपार त्रस जीवों की हिंसा होती हैं। इसलिए दहीं के बर्तन अलग धोकर पानी मिट्टी में परठने से इन पापों से
बचा जा सकता हैं। • कच्चे दही छाछ के साथ कठोल का कण मिक्स
होते ही द्विदल होता है। भोजन करते द्विदल होता है और बनाते वक्त भी द्विदल होता है। मशीन में पहले चने की दाल पीसी गई, फिर गेहूं पीसने से गेहं के आटे से चने का अंश आ जाता है, जिसमें रोटी, खाखरा भी दहीं के साथ नहीं खा सकते हैं। दहीं किसी के साथ नहीं खाया जाय
- गुड नाईट -66
Jen
t ation Internation
se Onlwww
nelib