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* भावना* अपने मन में ऐसी भावना होनी चाहिए कि “मैं भगवान का अभिषेक कर रहा हूँ और मेरे हृदय के सिंहासन पर जो मोह राजा अनंत काल से बैठा हुआ है उसको पद भ्रष्ट करके भगवान का राज्याभिषेक कर रहा हूँ। अहो! कितना सुंदर! अभिषेक आपका हो रहा है, और शुद्धि मेरी हो रही है।"
* अभिषेक विधि* निसीहि बोलकर मुख कोष बांधकर गंभारे में प्रवेश करना, पंचामृत अभिषेक जल तैयार करना। (१) जल, (२) गाय का दूध, (३) दही, (४) घी, (५) मिश्री। गाय का दूध मिल जाये तो उत्तम। प्रत्येक घर से छोटी-छोटी कटोरी भर कर अभिषेक दूध लेकर आयें तो उत्तम लाभ मिलता है। दादा प्रेमसूरी की जन्मभूमि पिंडवाडा में कई घरों से अभिषेक हेतु दूध लेकर जाते हैं, यह प्रथा अनुमोदनीय एवं अनुकरणीय है। ___पहले मोर पींछी से भगवान के अंगों को पूजना, फिर आंगी उतारकर गीले वस्त्र से केशर उतारना। दोनों हाथों से कलश पकड़कर मौन रहते हुए मस्तिष्क से अभिषेक शुरू करना चाहिए।
- गुड नाईट-49
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