________________
ईशान कोण में पूजा का स्थान घर मंदिर रखना चाहिये। श्री संबोध प्रकरण में (गाथा २३-२४) आ. श्री हरिभद्र सू.म. ने फरमाया है कि, जिसकी सामान्य मूडी १०० रू. की भी हो, उसके घर में घर मंदिर अवश्य होना चाहिये। जिसके घर में घर मंदिर नहीं वह घर नहीं, श्मशान है। ऐसे कठोर शब्द लिखे हैं। __आज टी.वी, विडियो चैनलों से भरपूर पापाचारों के युग में धर्म और संस्कृति का तो निकंदन निकल रहा है। मर्यादा की मौत हुई जा रही है। ऐसे भयंकर विषम समय में इंसान अपने बुद्धिबल से या पुण्यबल से अपनी संतान को बचा पायेगा क्या? यह लाख रूपये का सवाल है। मात्र परमात्मा ही उसे बचा सकेंगे।
* घर मंदिर के अनेक लाभ* घर के सभी सदस्य पूजा करने लगते हैं, दर्शन करते हैं, आरती करते हैं। छोटे बड़े सभी अनेक प्रकार के पापों से बच जाते हैं।
- गुड नाईट-18 -
Jain Education Internatio
e rsoral Private Use Onlyww.jaingbrary.org